पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का कांग्रेस और JKNC को समर्थन, गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा हमला
पाकिस्तान ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा पैदा कर दिया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चुनावों के बीच कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (JKNC) को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में आती हैं, तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली हो सकती है। इस मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस दोनों पार्टियों पर तीखा हमला किया है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बयान
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक बयान में कहा कि पाकिस्तान कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का समर्थन करता है, खासकर अनुच्छेद 370 को लेकर। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 की कश्मीर में वापसी संभव है, लेकिन केवल तभी जब कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस जम्मू-कश्मीर में सत्ता में लौटें। ख्वाजा ने कहा कि यदि ये दोनों पार्टियां सत्ता में आती हैं, तो यह उम्मीद की जाती है कि अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा।
गृह मंत्री अमित शाह का पलटवार
गृह मंत्री अमित शाह ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान कांग्रेस और JKNC के अनुच्छेद 370 और 35A पर समर्थन के बारे में कांग्रेस को फिर से उजागर करता है। इस बयान ने फिर से स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस और पाकिस्तान की एक ही नीयत और एजेंडा है। पिछले कुछ वर्षों से, राहुल गांधी हरanti-India ताकत के साथ खड़े हुए हैं, देशवासियों की भावनाओं को चोट पहुंचा रहे हैं।”
राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला
अमित शाह ने आगे कहा कि चाहे एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक के प्रमाण की मांग हो, या भारतीय सेना के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणियां हों, राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी और पाकिस्तान हमेशा एक ही पेज पर रहे हैं और कांग्रेस हमेशा देश विरोधी ताकतों के साथ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और पाकिस्तान को यह भूलना नहीं चाहिए कि केंद्र में मोदी सरकार है, इसलिए न तो अनुच्छेद 370 कश्मीर में वापस आएगा और न ही आतंकवाद समाप्त होगा।
अनुच्छेद 370 की स्थिति
अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक हिस्सा था, जो जम्मू और कश्मीर को विशेष स्वायत्तता प्रदान करता था। 2019 में, मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इस निर्णय के बाद से, जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक और सामाजिक गतिरोध बना हुआ है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बयान इस संवेदनशील मुद्दे को फिर से उभारने का प्रयास करता है, जबकि भारतीय सरकार और सुरक्षा बल इस पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
चुनावी रणनीतियों और राजनीतिक प्रभाव
इस बयान ने चुनावी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर पाकिस्तान के समर्थन से उन पार्टियों की राजनीतिक स्थिति और सार्वजनिक छवि पर असर पड़ सकता है। यह भी देखा जाएगा कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दल और चुनावी रणनीतिकार किस प्रकार प्रतिक्रिया देते हैं। पाकिस्तान की ओर से ऐसा बयान आने से भारतीय राजनीतिक वातावरण में हलचल मच गई है और इससे चुनावी माहौल और भी गरमाया जा सकता है।
सुरक्षा और आतंकवाद की चुनौतियां
अमित शाह का बयान इस बात पर जोर देता है कि मोदी सरकार आतंकवाद और सुरक्षा चुनौतियों के प्रति अपनी सख्ती और दृढ़ता बनाए रखेगी। पाकिस्तान के साथ संबंधों में तनाव और आतंकवाद का खतरा भारतीय सुरक्षा नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गृह मंत्री का यह बयान यह सुनिश्चित करता है कि केंद्र सरकार इन चुनौतियों का डटकर सामना करेगी और किसी भी प्रकार के समझौते से बचने का प्रयास करेगी जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।